' द बेल जार ' में वह अवसाद के दिनों में भी खूबसूरती से आशाओं को लिखती है.
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लेखक की ईमानदारी की तुलना मैं कवयित्री सिल्विया प्लाथ के उस लेख की प्रतिबद्धता से करना चाहूँगा जो उन्होंने अपनी रचना ‘ द बेल जार ' में दिखाई है.
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अन्य स्रोतों में शामिल हैं सिल्विया प्लाथ का 1963 का उपन्यास द बेल जार, जिसमें नायक, एस्तेर एक सम्तिष्कखंडछेदित युवा स्त्री वेलेरी की “अनवरत संगमरमरी शांति” के लिए आतंक के साथ प्रतिक्रिया करता है.
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अन्य स्रोतों में शामिल हैं सिल्विया प्लाथ का 1963 का उपन्यास द बेल जार, जिसमें नायक, एस्तेर एक सम्तिष्कखंडछेदित युवा स्त्री वेलेरी की “अनवरत संगमरमरी शांति” के लिए आतंक के साथ प्रतिक्रिया करता है.
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हां ये वही अद्भुत कवयित्री है जिसने लघु गल्पनुमा आत्मकथा लिखी और उसका शीर्षक रखा ' द बेल जार ' यानि एक ऐसा कांच का मर्तबान जो चीजों की हिफाज़त के लिए ढ़क्कन की तरह बना है.